कार चलाना सीखे 3 घण्टे में ड्राइविंग | Car Driving in Hindi Tricks pdf

Car chalana kaise seekhe - ज़्यदातर लोगो पूछते है How to drive a car for the first time in hindi How to learn car Driving pdf in Hindi Car driving Tricks in Hindi Car chalana sikhe Hindi me कार चलाना सीखे हिंदी में Car driving training How to drive a car for beginners How to drive a manual car in hindi Learning how to drive a car for the first time Learning of driving in hindi Car driving Training near me Car driving learning Car drive karne ka tarika Car driving meaning in hindi 4vilar Car Driving School Car driving training Driving car driving Car driving learning

ड्राइविंग सीट के आसपास के उपकरणों से परिचत हो
इससे हिचक नहीं रहेगी और कार चलाना जल्दी सीख जाएंगे बेशक, कार चलाना कोई व्यक्ति तभी सीख सकता है लेकिन यह भी सच है कि ड्राइविंग सीट पर आत्मविश्वास के साथ बैठा जा सकता है जब कार ड्राइविंग और ड्राइविंग सीट के सामने मौजूद उपकरणों को चलाने के बारे में किसी को पहले से समुचित जानकारी हो

Car Driving in Hindi
अगर पहले से जानकारी होगी तो कार चलाना काफी आसान बन सकता है। तो चलिए, आपको कार चलाने की सरल और सैद्धांतिक जानकारी देते हैं। इसके बाद आप ड्राइविंग सीट पर बैठकर आसानी से कार चलाने का अभ्यास कर सकते हैं।



पैरों के नीचे तीन सहायक; क्लच, ब्रेक और एक्सीलरेटर

जब भी आप ड्राइविंग सीट पर बैठते हैं और अपने पैरों को आगे बढ़ाते हैं तो आपके पैर कार चलाने वाले तीन सहायकों से टकराते हैं। ये कार की सतह से बाहर निकले धातु के तीन पैडल होते हैं। ये पैर का दबाव पड़ने पर आगे की ओर खिसकते हैं और पैर का दबाव हटने पर वापस अपनी जगह आ जा जाते हैं।

इन सहायकों में सबसे बाएं वाले सहायक का नाम क्लच पैडल और सबसे दाएं वाले का नाम एक्सीलरेटर पैडल है। इनके बीच में ब्रेक पैडल मौजूद होता है। कार चलाते समय बाएं पैर से क्लच पैडल को और दाएं पैर से ब्रेक तथा एक्सीलरेटर पैडल को नियंत्रित किया जाता है।
अगर आप
क्लच पैडल कार में गियर डालने, बदलने और स्टार्ट करने के बाद कार को आगे बढ़ाने के काम आता है। इसी के साथ कार को स्टार्ट करने से पहले (यदि गाड़ी किसी गियर में है तो) भी क्लच को दबाकर रखना होता है। ब्रेक, कार की गति धीमी करने या उसे पूरी तरह रोकने के काम आता है और एक्सीलरेटर कार की गति को बढ़ाने या धीमी करने के काम आता है।
बाएं हाथ के पास गियर का हैंडल
जब आप ड्राइविंग सीट पर बैठते हैं तो आपके बाएं हाथ के पास कार के फर्श से ऊपर की ओर निकला गियर का हैंडल होता है। इस हैंडल के सबसे ऊपर संकेत चिह्न भी बना होता है जो हमें यह बताता है कि एक से लेकर पांच नंबर तक के गियर हैंडल को किस तरफ घुमाने से लगेंगे। अगर आप उज्जैन मे कार चलना सीखना चाहते हो तो कॉल 99 81 031 062 एक दिन में सिखा दूँगा

सबसे पहले गियर के हैंडल को हल्के से बाएं-दाएं घुमाकर देखें। यदि हैंडल आसानी से बाएं-दाएं हो रहा है तो समझिए कि बिल्कुल बीचोंबीच स्थित है और न्यूट्रल में है। न्यूट्रल यानी कार में कोई भी गियर नहीं लगा है, जिससे कार अपनी जगह स्थिर रहेगी।

सामान्यतः गियर के हैंडल पर दिए गए चित्र के अनुसार संकेत चिह्न भी बना होता है-

जब गियर न्यूट्रल में होगा तो बिल्कुल बीचोंबीच यानी गियर 3 और गियर 4 के बीच में स्थित होगा। गियर का हैंडल सीधे लिखे हुए नंबर की दिशा में नहीं जाता है, बल्कि यह बनाए गए खांचे के अनुसार पहले पूरी तरह बाएं या पूरी तरह दाएं जाता है और फिर उस नंबर की तरफ मुड़ता है जिधर आप उसे मोड़ना चाहते हैं।

यदि हमें गियर 1 लगाना है तो बाएं पैर के पंजे से क्लच पैडल को पूरा आगे की तरफ दबा लेंगे और उसके बाद गियर हैंडल को पूरी तरह बाएं लाएंगे यानी गियर 1 और 2 की सीध में लाएंगे। इसके बाद उसे गियर 1 यानी आगे की तरफ ले जाएंगे।

चूंकि गियर 1 और 2 एक सीध में हैं, इसलिए अगर हमें गियर 1 से 2 में आना है तो पैर से क्लच पैडल को पूरा दबाकर गियर के हैंडल को सीधे 1 से 2 में पीछे की तरफ खींच लाएंगे। इससे गाड़ी गियर 2 में चलने लगेगी।

यदि गियर 2 से हमें गाड़ी को गियर 3 में ले जाना है तो पैर से क्लच पैडल को पूरा दबाने के बाद गियर के हैंडल को हल्का सा (पूरा नहीं) आगे ले जाकर न्यूट्रल की सीध में लाएंगे। उसके बाद उसे दाएं तरफ न्यूट्रल के घर में लाकर 3 की तरफ आगे की दिशा में मोड़ देंगे। गियर 3 से वापस 2 में आना है तो भी इसी रास्ते से वापस आएंगे।

गियर 3 चूंकि गियर 4 की सीध में है, इसलिए 3 से 4 में आने के लिए पैर से क्लच के पैडल को पूरा दबाने के बाद गियर के हैंडल को सीधे 3 से पीछे खींचकर 4 में ला आएंगे।

जब गाड़ी को पीछे की तरफ चलाना होता है तो रिवर्स गियर लगाया जाता है। इसके लिए क्लच पैडल पूरी तरह दबाने के बाद गियर के हैंडल को न्यूट्रल की सीध में बिल्कुल दाएं तरफ गियर 5 के सामने लाया जाता है और फिर वहां से पीछे की तरफ यानी अपनी तरफ (ड्राइवर की दिशा में) खींचा जाता है।

बाएं हाथ की कोहनी के पास मिलेगा हैंडब्रेक

जब आप ड्राइविंग सीट पर बैठते हैं तो आगे की दोनों सीटों के बीच में, आपके बाएं हाथ की कोहनी के पास और गियर हैंडल के सामने उससे पहले करीब 10-12 इंच की एक रॉड आगे की तरफ निकली दिखाई देती है। यह हैंड ब्रेक होता है। जब कार स्थिर यानी रुकी हुई होती है तो इस हैंडब्रेक के हैंडल को ऊपर उठा दिया जाता है। हैंडल ऊपर होने का अर्थ है कि ब्रेक लगा हुआ है। इससे किसी असमतल सतह पर खड़ी कार आगे या पीछे नहीं खिसकती है।

कार को स्टार्ट करते समय यदि यह हैंड ब्रेक ऊपर उठा हुआ हो तो पहले इसे नीचे करना होता है। आप इसे नीचे नहीं करेंगे तो कार स्टार्ट तो हो जाएगी लेकिन आगे नहीं बढ़ेगी। हैंडब्रेक को नीचे करने के लिए इसमें सबसे आगे एक बटन होता है। इस बटन को अंदर की तरफ दबाकर रखते हुए हैंडब्रेक के हैंडल को नीचे कर दिया जाता है।

सीट पर बैठते ही हाथ में होता है स्टेयरिंग

ड्राइविंग सीट पर बैठते ही हाथ सामने दिखाई दे रहे पहिये पर टिक जाते हैं, जो कि स्टेयरिंग कहलाता है। स्टेयिरिंग गाड़ी को सीधा रखने के अतिरिक्त दाएं या बाएं मोड़ने अथवा वापस विपरीत दिशा में ले जाने का काम करता है।

कार चलाते समय स्टेयिरंग के मामले में थोड़ी सावधानी रखनी होती है। उदाहरण के तौर पर मान लिया कि हमें कार को दाएं तरफ करीब 90 डिग्री के कोण पर मोड़ना है। इसके लिए हमने स्टेयिरंग को दाएं तरफ घुमा दिया। ऐसा करते ही कार दाएं तरफ मुड़ना शुरू हो जाती है।


लेकिन यहां हमें यह ध्यान रखना होगा कि कार का आगे का हिस्सा जैसे ही हमारी वांछित दिशा में घूम जाता है, वैसे ही हमें स्टेयरिंग को वापस पुरानी स्थिति (जैसा कि चित्र में दिखाया गया है) में लाना होता है। यदि कार के वांछित दिशा में मुड़ने के बाद हम स्टेयरिंग को पुरानी स्थिति में नहीं लाएंगे तो कार दाएं तरफ घूमना बंद नहीं करेगी और वह घूमते-घूमते उसी दिशा में मुड़ जाएगी, जिस दिशा से वह आ रही थी।

जब कार को 180 डिग्री पर वापस उसी दिशा में घुमाना होता है, जिस दिशा से वह आ रही थी तो स्टेयरिंग को पूरा दाएं या बाएं घुमाना होता है। पूरा यानी जब तक स्टेयिरंग बाएं या दाएं घूमना बंद न हो जाए। इसके बाद जैसे ही कार का अगला हिस्सा वांछित दिशा में मुड़ जाए, हमें स्टेयिरंग को वापस घुमाकर पुरानी स्थिति में लाना होता है ताकि कार सीधी चलने लगे।

संकेतक और अन्य चाबियां

यदि हमें कार को दाएं या बाएं मोड़ना हो तो इसके संकेतक हैंडल स्टेयरिंग के पास ही जुड़े होते हैं। स्टेयरिंग से एक मोटे मार्कर पैन जैसे आकार वाला हैंडल बाहर को निकला होता है। इसे नीचे करने पर कार की लाइटें सड़क पर चलने वाले लोगों को दाएं तरफ जाने का संकेत देती हैं और उसे ऊपर उठाने पर कार बाएं तरफ जाने का संकेत देती है।

कार की लाइटें और आगे विंडस्क्रीन को साफ करने वाले चप्पू भी स्टेयरिंग में लगे बटनों से संचालित होते हैं।

पेट्रोल की टंकी खोलने का स्विच ड्राइविंग सीट के दाएं तरफ बिल्कुल नीचे कार के फर्श से थोड़ा ही ऊपर लगा होता है। जब आप अपना दायां हाथ ड्राइविंग सीट के दाएं तरफ बिल्कुल नीचे लटकाएंगे तो यह स्विच आपके हाथ में आ जाएगा। इसे हल्का सा ऊपर उठाने पर टंकी का ढक्कन खुल जाता है। इसी स्विच के ठीक बगल में पीछे का बोनट खोलने का स्विच होता है।

आगे का बोनट खोलने का स्विच ड्राइविंग सीट वाली खिड़की के बिल्कुल आगे वाले हिस्से के पास डैशबोर्ड में सबसे दाएं थोडा नीचे की तरफ होता है।

स्टेयिरिंग के बिल्कुल बीच में यानी उसके केंद्र में हॉर्न का स्थान होता है। उस जगह पर हाथ या अंगूठे का दबाव पड़ते ही हॉर्न बज जाता है।

चलिए, अब कार स्टार्ट करते हैं how to drive a car step by step in india

आप ड्राइविंग सीट पर बैठ गए। बाएं पैर का पंजा क्लच पैडल पर रखा और दायां पैर ब्रेक तथा एक्सीलरेटर के नजदीक रखा।
इसके बाद सबसे पहले गियर का हैंडल चेक किया। उसके ऊपरी हिस्से को दाएं-बाएं करके देखा। यदि वह आसानी से दाएं-बाएं हो रहा है तो समझ जाइए कि कार न्यूट्रल में है। यदि वह दाएं-बाएं नहीं होता है तो समझ जाइए कि कार गियर में है।
जो भी स्थिति हो, सबसे पहले बाएं पैर से क्लच पैडल को पूरा आगे को दबा लिया। चाबी के छेद में चाबी डाली और उसे दाएं तरफ घुमाया। कार स्टार्ट हो गई।
अब क्लच पैडल को दबाए रखकर गियर हैंडल को न्यूट्रल में (यदि वह न्यूट्रल में नहीं है तो) कर लिया। न्यूट्रल की पहचान यही है कि गियर हैंडल का ऊपरी हिस्सा आसानी से दाएं-बाएं हो जाता है।
हैंडब्रेक को देखा। यदि हैंडब्रेक ऊपर उठा है तो उसके बिल्कुल आगे लगे बटन को अंदर दबाया और हैंडब्रेक को नीचे कर दिया।
क्लच पैडल अंदर ही दबाए रखा और पहला गियर लगा दिया। ध्यान रखें कि गियर तभी लगता है जब हम क्लच पैडल को पैर से पूरा अंदर की तरफ दबाए रखते हैं। पहला गियर लगाने के लिए गियर हैंडल को न्यूट्रल से पूरा बाएं तरफ लाए और फिर उसे संकेत के अनुसार आगे की दिशा में 1 की तरफ मोड़ दें।
अब क्लच पैडल से पैर का दबाव धीरे-धीरे हटाएं। पावर वाली गाड़ियां गियर 1 में क्लच पैडल से दबाव हटते ही चलने लगती हैं। अन्य गाड़ियों में क्लच पैडल से पैर का दबाव हटाने के साथ ही दाएं पैर से एक्सीलरेटर पर थोड़ा सा (ज्यादा नहीं) दबाव डालना होता है।
इस प्रकार जैसे ही क्लच पैडल से दबाव हट जाता है और एक्सीलरेटर पैडल पर थोड़ा दबाव पड़ जाता है तो कार चलने लगती है।
कार को रिवर्स (पीछे की ओर) चलाना car driving book in hindi

शुरू में बताए गए तरीके के अनुसार रिवर्स गियर लगाएंगे।
क्लच पैडल से दबाव हटाने और एक्सीलरेटर पर दबाव बनाने से कार पीछे हटने लगेगी।
यदि आप कार के पिछले हिस्से को बाएं तरफ मोड़ना चाहते हैं तो स्टेयिरिंग को भी बाएं दिशा में ही घुमाएंगे।
यदि कार के पिछले हिस्से को दाएं तरफ मोड़ना चाहते हैं तो स्टेयिरंग को दाएं घुमाएंगे।
कार को पीछे करते और घुमाते समय जैसे ही कार का अगला हिस्सा मनचाही दिशा में आ जाए, वैसे ही स्टेयरिंग को वापस घुमाकर पुरानी स्थिति में ले आएंगे।
अब वापस पहला गियर लगाएंगे और कार को आगे की तरफ बढ़ा लेंगे।
सावधानियां

शुरू में कार को पहले गियर में ही चलाएं। कुछ अभ्यास के बाद पहले से दूसरे गियर में आएंगे। इसके बाद तीसरे गियर का अभ्यास करेंगे।
गियर का नंबर बढ़ाने पर कार की रफ्तार भी बढ़ानी होती है। अगर पर्याप्त रफ्तार नहीं होती है तो बड़े गियर में कार बंद हो जाती है। इसीलिए जब तक कार चलाने में पूरी तरह कुशल न हो जाएं तब तक दूसरे गियर से आगे न बढ़ें।
कार में तो आपको दोपहिया वाहन की तरह वाहन का संतुलन भी बनाना नहीं पड़ता है, इसलिए गिरने का या हादसे की आशंका बहुत कम होती है। हादसा तभी होता है जब आप तेज कार चलाते हैं, इसलिए कार की गति धीमी रखेंगे तो हमेशा सुरक्षित रहेंगे।
मोड़ने का नियम- आप रैलिंग या दीवार के बराबर में जा रहे हैं और आपको रैलिंग या दीवार के खत्म होने पर कार मोड़नी है। इसके लिए यह नियम बना लें कि पहले कार की गति धीमी करेंगे या उसे पहले गियर में ले लेंगे। इसके बाद जैसे ही कार का आधा हिस्सा रैलिंग या दीवार के आगे निकल जाए, वैसे ही आप कार को मोड़ना शुरू कर देंगे। पीछे मोड़ने का भी यही नियम है। धीमी गति के साथ जैसे ही कार का पिछला हिस्सा रैलिंग या दीवार के पार हो जाए, आप कार को रिवर्स गियर में पीछे मोड़ना शुरू कर दें।
अनेक बार जब कार गियर में होती है और एक्सीलरेटर से दबाव हटने के साथ ही क्लच पैडल से भी दबाव हटा होता है तो कार बंद हो जाती है। ऐसा चौराहों और अन्य भीड़भाड़ वाली जगह पर होता है। ऐसे में घबराएं नहीं। क्लच पैडल को पूरा दबाएं और स्टार्टर स्विच में चाबी को घुमा दें। कार गियर में होने के बावजूद स्टार्ट हो जाएगी।