अधिक लोगो ने पूछा था 100 symptoms of baby boy in hindi गर्भ में लड़का हो तो प्रेग्नेंसी में मिलते हैं ये संकेत सोनोग्राफी रिपोर्ट ऑफ़ बेबी बॉय इन हिंदी How to Born baby boy hindi How to conceive a baby boy 100 percent in hindi प्रेगनेंसी में बेबी बॉय किस साइड होता है Ayurvedic treatment for conceiving baby boy in Hindi How to conceive a baby boy surely How to check boy or girl in pregnancy in Hindi गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती है गर्भ में लड़के की हलचल Baby boy pregnancy
मिशनरी पोजीशन: इस स्थिति में संभोग के समय पुरुष ऊपर की ओर होता है। इस पोजीशन में संभोग करने से पुरुष का वीर्य सीधे स्त्री के गर्भाशय तक सीधा पहुंचता है। पुरुष के ऊपर रहने से गर्भधारण आसान हो जाता है। इसके विपरीत यदि स्त्री ऊपर की ओर रहती है, तो गर्भधारण की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
हैंड एण्ड नी पोजीशन (डॉगी स्टाइल): इस पोजीशन में स्त्री घुटनों और हाथ के बल लेट जाती है और पुरुष पीछे की ओर से संभोग करता है। ऐसी स्थिति में वीर्य आसानी से महिला के गर्भाशय तक आसानी से पहुंचता है।
कुछ देर आराम करें how to get pregnant fast
यदि आप गर्भधारण करना चाहती हैं, तो उपर्युक्त दोनों पोजीशंस पर संभोग करने के बाद कुछ देर आराम करें। बेड पर कूदें नहीं। चाहे जितने जरूरी काम क्यों न हों, संभोग के तुरंत बाद बिस्तर से उठने की जरूरत नहीं। यदि आपने मिशनरी पोजीशन में सेक्स किया है, तो संभोग करते समय या फिर संभोग के बाद स्त्री अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लें
कुछ लोगों का मानना है कि दिन के समय सेक्स करने गर्भधारण की संभावना अधिक रहती है। इसके पीछे उनका तर्क यह होता है कि रात्रि की तुलना में दिन में वीर्य में शुक्राणु की संख्या अधिक होती है।
वहीं हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि गर्भधारण के लिए सेक्स का सही समय शाम पांच से सात बजे के बीच का होता है। इस दौरान वीर्य में शुक्राणु की संख्या करीब 35 प्रतिशत तक ज्यादा होती है। शाम का यह समय ऐसा होता है, जब महिला के अंडाशय ज्यादा जल्दी क्रिया करते हैं। हालांकि यहां स्त्री को मासिक धर्म का ध्यान रखें।
यदि आप गर्भधारण चाहती हैं, तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें, जो आपको नहीं करनी हैं। पहली यह कि संभोग के दौरान महिला ऊपर नहीं हो। ऐसे में शुक्राणु सर्विक्स के पास जमा हो जाते हैं। और थोड़ी ही देर में वापस लौट आते हैं, जिस कारण वो अंडाशय तक पहुंच नहीं पाते।
इसके अलावा बैठकर, बगल में लेटकर और खड़े होकर सेक्स नहीं करें। इन सभी स्थितियों में शुक्राणुओं के गर्भाशय के पास जमा होने की संभावना ज्यादा होती है। हां कई बार वीर्य के निकलते समय शुक्राणु की गति अधिक होती है और ज्यादा संवेग होने के कारण शुक्राणु अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं और गर्भधारण हो जाता है।
दांपत्य सुख हेतु
यदि चाहते हुए वैवाहिक सुख नहीं मिल पा रहा है, हमेशा पति-पत्नि में किसी बात को लेकर अनबन रहती हो तो किसी भी शुक्रवार के दिन यह उपाय करें। मिट्टी का पात्र ले जिसमें सवा किलो मशरूम आ जाएं। मशरूम डालकर अपने सामने रख दें। पति-पत्नि दोनों ही महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला जाप करें। तत्पश्चात इस पात्र को मां भगवती के श्री चरणों में चुपचाप रखकर आ जाए। ऐसा करने से मां भगवती की कृपा से आपका दांपत्य जीवन सदा सुखी रहेगा
पति-पत्नी में विवाद आम बात है क्योंकि जहां प्यार होता है तकरार भी वहीं होती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है पति बिना किसी बात के ही अपनी पत्नी पर गुस्सा करने लगते हैं और धीरे-धीरे यह उनका आदत बन जाती है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखा उपाय करें।
उपाय - जिस स्त्री का पति हर समय बिना बात के ही गुस्सा करता रहता है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार, सोमवार, गुरुवार या शुक्रवार को एक नए सफेद कपड़े में एक डली गुड़, चांदी एवं तांबे के दो सिक्के, एक मुट्ठी नमक व गेहूं को बांधकर अपने शयनकक्ष में कहीं ऐसी जगह छिपा कर रख दें। इसके प्रभाव से पति का गुस्सा धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
उनके दिल में रहना है तो !
अगर पुरुष अपने साथी के साथ एक अच्छा रिश्ता कायम रखना चाहते हैं तो उनके लिए यह ज़रुरी हो जाता है कि वह महिलाओं की इच्छाओं और चाहतों को जानें. उन्हें मालूम होना चाहिए कि महिलाओं को क्या अच्छा लगता है. इसके अलावा पुरुष को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि महिलाएं कभी भी उनसे अपनी इच्छाएं ज़ाहिर नहीं करेंगी. परन्तु अगर आप इन टिप्स को अपनाएं तो आप उन्हें खुश रख सकते हैं.
1. पुरुष जब भी महिलाओं से बात करें तो ध्यान दें कि ऐसा कुछ भी ना बोलें जिससे महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचे.
2. शादी शुदा मर्दों को ध्यान रखना चाहिए कि महिलाएं अगर खुश हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि उनका मूड सेक्स करने का है.
3. महिलाएं बहुत संवेदनशील होती हैं. अतः पुरुषों को उनकी संवेदनशीलता का ध्यान रखना चाहिए.
4. महिलाओं को बातें करने का शौक होता है, उनसे जितनी भी बातें करो वह कभी नहीं थकतीं.
5. महिलाओं के दोस्तों के साथ भी आप शिष्टता से बर्ताव करें.
6. मौका मिले तो आप महिलाओं की जगह खुद खाना बनाएं.
7. अगर महिलाओं के साथ घूमने जाना है तो गाड़ी को तेज़ नहीं चलाना चाहिए.
8. कभी महिलाओं को अपने से नीचे ना समझें.
9. उन्हें प्यार दें.
10. और अंतिम बात खास तौर से ध्यान रहे कि महिलाओं से कभी झूठ न बोलें.
नए ज़माने का प्यार l Love of new generation
लैला–मजनू, हीर–राँझा प्यार की वह जब प्रेमी प्यार को पूजते थे. प्यार में पागल प्रेमी एक दूसरे को पाने के लिए बेताब थे और जीवन क्या मृत्यु के बाद भी वह एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते थे.
अब जमाना बदल गया है. आजकल लोग प्यार में पागल नहीं होते. हम कह सकते हैं कि ज़माने के साथ-साथ प्यार करने के तरीके में बदलाव आया है. इसे हम कायापलट कहें या लोगों की मानसिकता का नया स्वरुप, बात तो इतनी है कि प्यार करने का ढंग बदल गया है
चूंकि प्यार की इबारत बार–बार लिखी जाती है तो आइए नज़र डालते हैं प्यार के नए स्वरुप पर.
• अपने साथी से अनुचित मांग न करें. एक दूसरे को समझना प्यार की सबसे बड़ी कुंजी होती है.
• कभी भी प्यार के रूल्स न ब्रेक करें क्योंकि प्यार का स्थायित्व भरोसा है.
• अगर प्यार में कोई अनबन हो तो उसे एक साथ सुलझाएं और कभी भी ऐसा लगे कि देर हो गयी है तो एक-दूसरे का साथ छोड़ने में देरी नहीं करनी चाहिए.
• प्यार में समझौता नहीं होता है.
• कभी भी अपने सबसे अच्छे दोस्त से इस बात पर प्यार ना करने लगें कि वह आपके सुख-दुःख के समय आपके साथ था. क्योंकि खुदा ना करे कि अगर आप दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आई तो उस समय आप उससे आंख नहीं मिला सकते हैं.
• हमेशा अपने दिल की सुनें, क्योंकि दिल हमेशा सच्ची बात करता है.
• अत्यधिक सावधानी और धैर्य रिश्तों में मजबूती लाता है.
• एक दूसरे को समझने के लिए अधिक से अधिक समय लें, क्योंकि समय रिश्तों में मजबूती लाता है.
• और अंत में उसी से प्यार करें जो आपके अहंकार को झेल सके.
पुत्र प्राप्ति के लिए मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग
स्त्री के ऋतु दर्शन के सोलह रात तक ऋतुकाल रहता है,उस समय में ही गर्भ धारण हो सकता है,उसके अन्दर पहली चार रातें निषिद्ध मानी जाती है,कारण दूषित रक्त होने के कारण कितने ही रोग संतान और माता पिता में अपने आप पनप जाते है
गर्भिणी स्त्री ढाक (पलाश) का एककोमल पत्ता घोंटकर गौदुग्ध के साथ रोज़ सेवन करे | इससे बालक शक्तिशाली और गोरा होता है | माता-पीता भले काले हों, फिर भी बालक गोरा होगा | इसके साथ सुवर्णप्राश की २-२ गोलियां लेने से संतान तेजस्वी होगी |
कैसे हो पुत्र की प्राप्ति ?
प्रश्न : पुत्र प्राप्ति हेतु किस समय संभोग करें ?
उत्तर : इस विषय में आयुर्वेद में लिखा है कि
गर्भाधान ऋतुकाल की आठवीं, दसवी और बारहवीं रात्रि को ही किया जाना चाहिए। जिस दिन मासिक ऋतुस्राव शुरू हो उस दिन व रात को प्रथम मानकर गिनती करना चाहिए। छठी, आठवीं आदि सम रात्रियाँ पुत्र उत्पत्ति के लिए और सातवीं, नौवीं आदि विषम रात्रियाँ पुत्री की उत्पत्ति के लिए होती हैं। इस संबंध में ध्यान रखें कि इन रात्रियों के समय शुक्ल पक्ष यानी चांदनी रात वाला पखवाड़ा भी हो, यह अनिवार्य है, यानी कृष्ण पक्ष की रातें हों। इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु इसी इसी चैनल के होमपेज पर 'गर्भस्थ शिशु की जानकारी' पर क्लिक करें।
प्रश्न : सहवास से विवृत्त होते ही पत्नी को तुरंत उठ जाना चाहिए या नहीं? इस विषय में आवश्यक जानकारी दें ?
उत्तर : सहवास से निवृत्त होते ही पत्नी को दाहिनी करवट से 10-15 मिनट लेटे रहना चाहिए, एमदम से नहीं उठना चाहिए। पर्याप्त विश्राम कर शरीर की उष्णता सामान्य होने के बाद कुनकुने गर्म पानी से अंगों को शुद्ध कर लें या चाहें तो स्नान भी कर सकते हैं, इसके बाद पति-पत्नी को कुनकुना मीठा दूध पीना चाहिए।
प्रश्न : मेधावी पुत्र प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर : इसका उत्तर देना मुश्किल है,
प्रश्न : संतान में सदृश्यता होने का क्या कारण होता है ?
उत्तर : संतान की रूप रेखा परिवार के किसी सदस्य से मिलती-जुलती होती है,
पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भाधान का तरीका
हमारे पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल पक्ष-कृष्ण पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है। धर्म ग्रंथों में भी इस बारे में जानकारी मिलती है।
यदि आप पुत्र प्राप्त करना चाहते हैं और वह भी गुणवान, तो हम आपकी सुविधा के लिए हम यहाँ माहवारी के बाद की विभिन्न रात्रियों की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
* चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है।
* पाँचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी।
* छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा।
* सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी।
* आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है।
* नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है।
* दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है।
* ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है।
* बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है।
* तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है।
* चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है।
* पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है।
* सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है
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पति-पत्नी के बीच यौन संबंध का एक लक्ष्य माता-पिता बनना भी होता है। वात्सयायन के कामसूत्र में संभोग की स्थितियों यानी पोजीशंस के बारे में बताया गया है। इसी में ऐसी पोजीशन भी बताई गई हैं, जिनमें संभोग करने से गभीधारण आसान हो जाता है। आज हम आपको कुछ पोजीशंस बताएंगे, जो गर्भधारण में सहायक होती हैं। साथ ही हम आपको कुछ टिप्स भी देंगे- गर्भधारण के लिए 2 पोजीशन में सेक्स करना फलदायक रहता है
मिशनरी पोजीशन: इस स्थिति में संभोग के समय पुरुष ऊपर की ओर होता है। इस पोजीशन में संभोग करने से पुरुष का वीर्य सीधे स्त्री के गर्भाशय तक सीधा पहुंचता है। पुरुष के ऊपर रहने से गर्भधारण आसान हो जाता है। इसके विपरीत यदि स्त्री ऊपर की ओर रहती है, तो गर्भधारण की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
100 symptoms of baby boy in hindi
हैंड एण्ड नी पोजीशन (डॉगी स्टाइल): इस पोजीशन में स्त्री घुटनों और हाथ के बल लेट जाती है और पुरुष पीछे की ओर से संभोग करता है। ऐसी स्थिति में वीर्य आसानी से महिला के गर्भाशय तक आसानी से पहुंचता है।
कुछ देर आराम करें how to get pregnant fast
यदि आप गर्भधारण करना चाहती हैं, तो उपर्युक्त दोनों पोजीशंस पर संभोग करने के बाद कुछ देर आराम करें। बेड पर कूदें नहीं। चाहे जितने जरूरी काम क्यों न हों, संभोग के तुरंत बाद बिस्तर से उठने की जरूरत नहीं। यदि आपने मिशनरी पोजीशन में सेक्स किया है, तो संभोग करते समय या फिर संभोग के बाद स्त्री अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लें
ताकि वीर्य गुरुत्वाकर्षण बल के जरिए नीचे की ओर आसानी से पहुंच सके। यदि संभोग के समय ही तकिया लगा लिया है तो अच्छा रहता है। ऐसे में कम से कम आधे घंटे तक स्त्री को शांतिपूर्वक लेटे रहना चाहिए।
कुछ लोग मानते हैं कि संभोग के बाद यदि स्त्री पीठ के बल लेटकर अपने पैर ऊपर कर के थोड़ी देर लेटी रहे तो गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा करना फलदायक हो सकता है। हालांकि यह बात अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है
कुछ लोग मानते हैं कि संभोग के बाद यदि स्त्री पीठ के बल लेटकर अपने पैर ऊपर कर के थोड़ी देर लेटी रहे तो गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा करना फलदायक हो सकता है। हालांकि यह बात अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है
गर्भ में लड़का हो तो प्रेग्नेंसी में मिलते हैं ये संकेत
कुछ लोगों का मानना है कि दिन के समय सेक्स करने गर्भधारण की संभावना अधिक रहती है। इसके पीछे उनका तर्क यह होता है कि रात्रि की तुलना में दिन में वीर्य में शुक्राणु की संख्या अधिक होती है।
वहीं हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि गर्भधारण के लिए सेक्स का सही समय शाम पांच से सात बजे के बीच का होता है। इस दौरान वीर्य में शुक्राणु की संख्या करीब 35 प्रतिशत तक ज्यादा होती है। शाम का यह समय ऐसा होता है, जब महिला के अंडाशय ज्यादा जल्दी क्रिया करते हैं। हालांकि यहां स्त्री को मासिक धर्म का ध्यान रखें।
इन पोजीशन में न करें सेक्स pregnancy tips in hindi
यदि आप गर्भधारण चाहती हैं, तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें, जो आपको नहीं करनी हैं। पहली यह कि संभोग के दौरान महिला ऊपर नहीं हो। ऐसे में शुक्राणु सर्विक्स के पास जमा हो जाते हैं। और थोड़ी ही देर में वापस लौट आते हैं, जिस कारण वो अंडाशय तक पहुंच नहीं पाते।
इसके अलावा बैठकर, बगल में लेटकर और खड़े होकर सेक्स नहीं करें। इन सभी स्थितियों में शुक्राणुओं के गर्भाशय के पास जमा होने की संभावना ज्यादा होती है। हां कई बार वीर्य के निकलते समय शुक्राणु की गति अधिक होती है और ज्यादा संवेग होने के कारण शुक्राणु अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं और गर्भधारण हो जाता है।
दांपत्य सुख हेतु
यदि चाहते हुए वैवाहिक सुख नहीं मिल पा रहा है, हमेशा पति-पत्नि में किसी बात को लेकर अनबन रहती हो तो किसी भी शुक्रवार के दिन यह उपाय करें। मिट्टी का पात्र ले जिसमें सवा किलो मशरूम आ जाएं। मशरूम डालकर अपने सामने रख दें। पति-पत्नि दोनों ही महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला जाप करें। तत्पश्चात इस पात्र को मां भगवती के श्री चरणों में चुपचाप रखकर आ जाए। ऐसा करने से मां भगवती की कृपा से आपका दांपत्य जीवन सदा सुखी रहेगा
पति-पत्नी में विवाद आम बात है क्योंकि जहां प्यार होता है तकरार भी वहीं होती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है पति बिना किसी बात के ही अपनी पत्नी पर गुस्सा करने लगते हैं और धीरे-धीरे यह उनका आदत बन जाती है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखा उपाय करें।
उपाय - जिस स्त्री का पति हर समय बिना बात के ही गुस्सा करता रहता है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार, सोमवार, गुरुवार या शुक्रवार को एक नए सफेद कपड़े में एक डली गुड़, चांदी एवं तांबे के दो सिक्के, एक मुट्ठी नमक व गेहूं को बांधकर अपने शयनकक्ष में कहीं ऐसी जगह छिपा कर रख दें। इसके प्रभाव से पति का गुस्सा धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
उनके दिल में रहना है तो !
अगर पुरुष अपने साथी के साथ एक अच्छा रिश्ता कायम रखना चाहते हैं तो उनके लिए यह ज़रुरी हो जाता है कि वह महिलाओं की इच्छाओं और चाहतों को जानें. उन्हें मालूम होना चाहिए कि महिलाओं को क्या अच्छा लगता है. इसके अलावा पुरुष को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि महिलाएं कभी भी उनसे अपनी इच्छाएं ज़ाहिर नहीं करेंगी. परन्तु अगर आप इन टिप्स को अपनाएं तो आप उन्हें खुश रख सकते हैं.
1. पुरुष जब भी महिलाओं से बात करें तो ध्यान दें कि ऐसा कुछ भी ना बोलें जिससे महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचे.
2. शादी शुदा मर्दों को ध्यान रखना चाहिए कि महिलाएं अगर खुश हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि उनका मूड सेक्स करने का है.
3. महिलाएं बहुत संवेदनशील होती हैं. अतः पुरुषों को उनकी संवेदनशीलता का ध्यान रखना चाहिए.
4. महिलाओं को बातें करने का शौक होता है, उनसे जितनी भी बातें करो वह कभी नहीं थकतीं.
5. महिलाओं के दोस्तों के साथ भी आप शिष्टता से बर्ताव करें.
6. मौका मिले तो आप महिलाओं की जगह खुद खाना बनाएं.
7. अगर महिलाओं के साथ घूमने जाना है तो गाड़ी को तेज़ नहीं चलाना चाहिए.
8. कभी महिलाओं को अपने से नीचे ना समझें.
9. उन्हें प्यार दें.
10. और अंतिम बात खास तौर से ध्यान रहे कि महिलाओं से कभी झूठ न बोलें.
नए ज़माने का प्यार l Love of new generation
लैला–मजनू, हीर–राँझा प्यार की वह जब प्रेमी प्यार को पूजते थे. प्यार में पागल प्रेमी एक दूसरे को पाने के लिए बेताब थे और जीवन क्या मृत्यु के बाद भी वह एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते थे.
अब जमाना बदल गया है. आजकल लोग प्यार में पागल नहीं होते. हम कह सकते हैं कि ज़माने के साथ-साथ प्यार करने के तरीके में बदलाव आया है. इसे हम कायापलट कहें या लोगों की मानसिकता का नया स्वरुप, बात तो इतनी है कि प्यार करने का ढंग बदल गया है
चूंकि प्यार की इबारत बार–बार लिखी जाती है तो आइए नज़र डालते हैं प्यार के नए स्वरुप पर.
• अपने साथी से अनुचित मांग न करें. एक दूसरे को समझना प्यार की सबसे बड़ी कुंजी होती है.
• कभी भी प्यार के रूल्स न ब्रेक करें क्योंकि प्यार का स्थायित्व भरोसा है.
• अगर प्यार में कोई अनबन हो तो उसे एक साथ सुलझाएं और कभी भी ऐसा लगे कि देर हो गयी है तो एक-दूसरे का साथ छोड़ने में देरी नहीं करनी चाहिए.
• प्यार में समझौता नहीं होता है.
• कभी भी अपने सबसे अच्छे दोस्त से इस बात पर प्यार ना करने लगें कि वह आपके सुख-दुःख के समय आपके साथ था. क्योंकि खुदा ना करे कि अगर आप दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आई तो उस समय आप उससे आंख नहीं मिला सकते हैं.
• हमेशा अपने दिल की सुनें, क्योंकि दिल हमेशा सच्ची बात करता है.
• अत्यधिक सावधानी और धैर्य रिश्तों में मजबूती लाता है.
• एक दूसरे को समझने के लिए अधिक से अधिक समय लें, क्योंकि समय रिश्तों में मजबूती लाता है.
• और अंत में उसी से प्यार करें जो आपके अहंकार को झेल सके.
पुत्र प्राप्ति के लिए मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग
स्त्री के ऋतु दर्शन के सोलह रात तक ऋतुकाल रहता है,उस समय में ही गर्भ धारण हो सकता है,उसके अन्दर पहली चार रातें निषिद्ध मानी जाती है,कारण दूषित रक्त होने के कारण कितने ही रोग संतान और माता पिता में अपने आप पनप जाते है
इसलिये शास्त्रों और विद्वानो ने इन चार दिनो को त्यागने के लिये ही जोर दिया है।
- चौथी रात को ऋतुदान से कम आयु वाला पुत्र पैदा होता है,
- पंचम रात्रि से कम आयु वाली ह्रदय रोगी पुत्री होती है,
- छठी रात को वंश वृद्धि करने वाला पुत्र पैदा होता है,
- सातवीं रात को संतान न पैदा करने वाली पुत्री,
- आठवीं रात को पिता को मारने वाला पुत्र,
- नवीं रात को कुल में नाम करने वाली पुत्री,
- दसवीं रात को कुलदीपक पुत्र,
- ग्यारहवीं रात को अनुपम सौन्दर्य युक्त पुत्री,
- बारहवीं रात को अभूतपूर्व गुणों से युक्त पुत्र,
- तेरहवीं रात को चिन्ता देने वाली पुत्री,
- चौदहवीं रात को सदगुणी पुत्र,
- पन्द्रहवीं रात को लक्ष्मी समान पुत्री,
- सोलहवीं रात को सर्वज्ञ पुत्र पैदा होता है।
शक्तिशाली व गोरे पुत्र प्राप्ति के लिए
गर्भिणी स्त्री ढाक (पलाश) का एककोमल पत्ता घोंटकर गौदुग्ध के साथ रोज़ सेवन करे | इससे बालक शक्तिशाली और गोरा होता है | माता-पीता भले काले हों, फिर भी बालक गोरा होगा | इसके साथ सुवर्णप्राश की २-२ गोलियां लेने से संतान तेजस्वी होगी |
How to Born baby boy hindi
कैसे हो पुत्र की प्राप्ति ?
प्रश्न : पुत्र प्राप्ति हेतु किस समय संभोग करें ?
उत्तर : इस विषय में आयुर्वेद में लिखा है कि
गर्भाधान ऋतुकाल की आठवीं, दसवी और बारहवीं रात्रि को ही किया जाना चाहिए। जिस दिन मासिक ऋतुस्राव शुरू हो उस दिन व रात को प्रथम मानकर गिनती करना चाहिए। छठी, आठवीं आदि सम रात्रियाँ पुत्र उत्पत्ति के लिए और सातवीं, नौवीं आदि विषम रात्रियाँ पुत्री की उत्पत्ति के लिए होती हैं। इस संबंध में ध्यान रखें कि इन रात्रियों के समय शुक्ल पक्ष यानी चांदनी रात वाला पखवाड़ा भी हो, यह अनिवार्य है, यानी कृष्ण पक्ष की रातें हों। इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु इसी इसी चैनल के होमपेज पर 'गर्भस्थ शिशु की जानकारी' पर क्लिक करें।
प्रश्न : सहवास से विवृत्त होते ही पत्नी को तुरंत उठ जाना चाहिए या नहीं? इस विषय में आवश्यक जानकारी दें ?
उत्तर : सहवास से निवृत्त होते ही पत्नी को दाहिनी करवट से 10-15 मिनट लेटे रहना चाहिए, एमदम से नहीं उठना चाहिए। पर्याप्त विश्राम कर शरीर की उष्णता सामान्य होने के बाद कुनकुने गर्म पानी से अंगों को शुद्ध कर लें या चाहें तो स्नान भी कर सकते हैं, इसके बाद पति-पत्नी को कुनकुना मीठा दूध पीना चाहिए।
प्रश्न : मेधावी पुत्र प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर : इसका उत्तर देना मुश्किल है,
प्रश्न : संतान में सदृश्यता होने का क्या कारण होता है ?
उत्तर : संतान की रूप रेखा परिवार के किसी सदस्य से मिलती-जुलती होती है,
पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भाधान का तरीका
हमारे पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल पक्ष-कृष्ण पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है। धर्म ग्रंथों में भी इस बारे में जानकारी मिलती है।
यदि आप पुत्र प्राप्त करना चाहते हैं और वह भी गुणवान, तो हम आपकी सुविधा के लिए हम यहाँ माहवारी के बाद की विभिन्न रात्रियों की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
* चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है।
* पाँचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी।
* छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा।
* सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी।
* आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है।
* नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है।
* दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है।
* ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है।
* बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है।
* तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है।
* चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है।
* पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है।
* सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है
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