Meaning of domain - सारी दुनियां में अरबो खरबो वेबसाइट्स हे और हर दिन लाखो बनती हे और हो भी क्यों ना डिजिटल क्रांति का दौर जो है
लेकिन भविष्य की संभावनाओ को देखते हुए domain नाम प्रणाली को बनाया गया क्योंकि आज के दौर में मौजूद करोड़ों वेबसाइटों का प्रबंधन करना बड़ी मुश्किल का काम है। अगर हर वेबसाइट को पहचानने की व्यवस्था न हो तो इंटरनेट की कोई उपयोगिता नहीं रह जाती है ।
जब भी कोई वेबसाइट इंटरनेट पर रखी जाती है तो उसे एक आई. पी. एड्रेस दिया जाता है जो अंकों में होता है, जैसे- 233.222.111.102। जरा सोचिए कि अगर आपको बहुत सी वेबसाइटों के इस तरह के पते याद रखने पड़ें तो वह कितना मुश्किल होगा। इसी वजह से वेबसाइटों के लिए डोमेन नेम व्यवस्था लागू की गई है।
यह डोमेन नेम उस वेबसाइट के आई. पी. एड्रेस का विकल्प है। जब हम अपने इंटरनेट ब्राउजर में किसी वेबसाइट का डोमेन नेम डालते हैं तो domain name सर्वर पर उसे आई. पी. एड्रेस में परिवर्तित कर दिया जाता है और हम संबंधित वेबसाइट तक पहुंच जाते हैं।
आई. पी. एड्रेस की तुलना में domain name को याद रखना बहुत आसान है इसलिए यह व्यवस्था पहले के मुकाबले कंही सरल होती है |
इंटरनेट कारपोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (ICANN) एक अमेरिकी संस्था है जो दुनिया भर के domains को मैनेज करती है
अगर आप अपनी website के लिए या blog के लिए कोई custom domain लेना चाहते है तो आपको ICANN से सर्टिफाइड किसी भी domain name registrar से अपना domain register करना होता है अगर ऐसा ना हो तो हम गलत अड्रेस पहचान पर पहुच सकते हे तो किसी वेबसाइट को डोमेन नेम दिया जाता हे जैसे - WWW. HOWFN.COM , या गूगल.कॉम
Godaddy, Bigrock (आप हमारे से भी कांटेक्ट कर खरीद सकते हे)
दोस्तों हमारे कुछ रेगुलर पाठको ने हमें हज़ारो मेल किये और कुछ सवाल पूछे हे वेबसाइट से सम्बंधित जिनका आज हम इस पोस्ट में सरल तरीके में जवाब दे रहे हे सवाल थे
Domain name kya hota he?
Ans - जैसे की हम इंसानो का नाम होता हे सौरभ, पवन, दिनेश या कोई भी पहचान सेम ऐसा ही इन्टरनेट की दुनिया में भी हे internet शुरूआती दिनों में ऐसा नहीं होता था बहुत कम वेबसाइट होने की बजय से उनका पता एक ip address 303.522.117.192 जैसा कुछ होता था और अधिक समझने के लिएलेकिन भविष्य की संभावनाओ को देखते हुए domain नाम प्रणाली को बनाया गया क्योंकि आज के दौर में मौजूद करोड़ों वेबसाइटों का प्रबंधन करना बड़ी मुश्किल का काम है। अगर हर वेबसाइट को पहचानने की व्यवस्था न हो तो इंटरनेट की कोई उपयोगिता नहीं रह जाती है ।
जब भी कोई वेबसाइट इंटरनेट पर रखी जाती है तो उसे एक आई. पी. एड्रेस दिया जाता है जो अंकों में होता है, जैसे- 233.222.111.102। जरा सोचिए कि अगर आपको बहुत सी वेबसाइटों के इस तरह के पते याद रखने पड़ें तो वह कितना मुश्किल होगा। इसी वजह से वेबसाइटों के लिए डोमेन नेम व्यवस्था लागू की गई है।
यह डोमेन नेम उस वेबसाइट के आई. पी. एड्रेस का विकल्प है। जब हम अपने इंटरनेट ब्राउजर में किसी वेबसाइट का डोमेन नेम डालते हैं तो domain name सर्वर पर उसे आई. पी. एड्रेस में परिवर्तित कर दिया जाता है और हम संबंधित वेबसाइट तक पहुंच जाते हैं।
आई. पी. एड्रेस की तुलना में domain name को याद रखना बहुत आसान है इसलिए यह व्यवस्था पहले के मुकाबले कंही सरल होती है |
इंटरनेट कारपोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (ICANN) एक अमेरिकी संस्था है जो दुनिया भर के domains को मैनेज करती है
अगर आप अपनी website के लिए या blog के लिए कोई custom domain लेना चाहते है तो आपको ICANN से सर्टिफाइड किसी भी domain name registrar से अपना domain register करना होता है अगर ऐसा ना हो तो हम गलत अड्रेस पहचान पर पहुच सकते हे तो किसी वेबसाइट को डोमेन नेम दिया जाता हे जैसे - WWW. HOWFN.COM , या गूगल.कॉम
domain kaise kharide?
Ans. अगर आप अपनी वेबसाइट बनाना चाहते हे तो बिल्कुल हम आपको बताएँगे आप इन जगह से ऑनलाइन डोमेन नाम पर्चेज कर सकते हेGodaddy, Bigrock (आप हमारे से भी कांटेक्ट कर खरीद सकते हे)